शराब चीज हीं ऐसी है
चिकना मतलब तला हुआ । हाँ जो घी तेल युक्त हो । इसी चिकना से चकना बना होगा । और कालांतर में इसे चखना कहा जाने लगा । चखना को स्नैक भी कहा जाता है । शराब पीने से पेट में अम्लता बढ़ती है । इस अम्लता को कम करने के लिए चखना क्षारीय होना चाहिए । आम तौर पर चखना के रुप में मूंगफली, मूंग दाल , अण्डे की भुर्जी इस्तेमाल किया जाता है ।
अक्सर लोग डाक्टर के पास यह पूछने के लिए जाते हैं कि वे शराब के साथ चखने के रुप में क्या खाएं कि कम से कम नुकसान हो । मेरा मानना है कि शराब को पचाने के लिए लीवर को हाड़तोड़ मेहनत करनी पड़ती है । ऐसे में आप चखना के तौर पर तली हुई चीजों को इस्तेमाल कर रहे हैं तो लीवर को और अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ेगा । बेहतर है कि आप चखना के रुप में गाजर, टमाटर, पपीता , प्याज और खीरा का इस्तेमाल करें ।
लीवर को खट्टे फल बहुत पसंद है । संतरा ,मौसमी व नीबू के रस से लीवर की सफाई हो जाती है । फैटी लीवर में भी खट्टे फल बहुत मुफीद होते हैं । यदि आप कम शराब का सेवन कर रहे हैं तो यह बहुत कम मायने रखता है कि आप चखना में क्या खा रहे हैं । यदि चखने में केवल नमक हो तो भी चलेगा । आपको एक दिन में 120 ml से ज्यादा शराब नहीं पीनी चाहिए । 120 ml से कम शराब हो तो लीवर को उसको पचाने के लिए जार जार रोना नहीं पड़ता ।
आम तौर पर लोग खाना खाने से पहले शराब पीते हैं । खाना खाने से पहले दो पैग गटक जाते हैं । तीसरे पैग के साथ खाना शुरू करते हैं । खाना खाने के बाद शराब कभी नहीं पीनी चाहिए । कुछ लोगों को खाना खाने के बाद शराब पीने से उल्टी होने लगती है । कभी भी तीन पैग से ज्यादा नहीं पीनी चाहिए ।
शराब सीमित मात्रा में हो तो यह सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है । इससे हृदय को ताकत मिलती है । HDL कोलोस्ट्रोल (अच्छा कोलोस्ट्रोल) बढ़ता है । मांसपेशियों का तनाव कम होता है । ऐसे में नींद भी अच्छी आती है । सुबह उठने पर आप तरोताजा महसूस करते हैं । लेकिन यह सीमित उपयोग कम असीमित हो जाएगा कहा नहीं जा सकता ।
शराब कम करने के लिए बड़े गिलास का प्रयोग करें । एक पैग डालने के बाद उसे पानी से पूरा भर दें । थोड़ा थोड़ा सिप सिप कर पिएँ । देर तक पिएँ । लीवर को मोहलत मिलती रहेगी । वह अल्कोहल को पचाने का उपक्रम करता रहेगा । पानी की मात्रा ज्यादा होने से मूत्र विसर्जन के साथ अल्कोहल भी ज्यादा मात्रा में बाहर निकलता रहेगा। पीते समय धूम्रपान नहीं करना चाहिए । धूम्रपान और शराब का कुत्ते बिल्ली का बैर है ।
हफ्ते में एक दिन मंगलवार को शराब न पिएँ । एक दिन का यह मोहलत लीवर को विश्राम देगा । रेड वाइन पी सकते हैं । यह 60% एण्टी आक्सीडेण्ट होती है । रेड वाइन में एलेजिक एसिड होता है , जो लीवर को बहुत पसंद होता है।
जो शराब पीते हैं उन्हें हम कम पीने की सलाह देते हैं । जो नहीं पीते उन्हें इसे न छूने की भी सलाह देते हैं । लेकिन वोदका, जीन, ब्राण्डी और बीयर हल्के शराब की श्रेणी में आते हैं । इनका ph value 2.5 से 4 तक होता है । नींबू मिला देने से ph value और भी कम हो जाता है । जब बर्फ पड़ रही हो या बारिश का मौसम हो तो पपीता, गाजर, प्याज, खीरा और टमाटर के चखना के साथ शराब पीने के लिए कई शराबियों का मन ललच हीं जाता है । पीने वालों को कैसे रोका जा सकता है ? उन्हें कम नुकसान वाली शराब सीमित मात्रा में पीने के लिए मजबूरी में कहा जा सकता है ।
अद्भुत विष्लेषण पहली बार इतनी जानकारी मिली शराब पीने के जुगाड लगाने पड़ते हैं ,एक बार खिचड़ी के भी साथी बताई थी thanks chachaji🙏
जवाब देंहटाएंअद्भुत विष्लेषण पहली बार इतनी जानकारी मिली शराब पीने के जुगाड लगाने पड़ते हैं ,एक बार खिचड़ी के भी साथी बताई थी thanks chachaji🙏
जवाब देंहटाएंआभार आपका ।
हटाएंगजब का शोध
जवाब देंहटाएंगजब का शोध
जवाब देंहटाएंआभार
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