साँस पर पहरा

मैं कल पोस्ट आफिस गया था । कोरोना के डर से मास्क लगा लिया था । पैदल गया पैदल आया । हाल बेहाल हो गया । तबियत नाशाद हो गयी थी । मुझे समझ आ गया कि शरीर में आक्सीजन की कमी हो गयी है । गुड़ खाकर गर्म पानी पिया । काफी देर बाद राहत मिली । फिर चैन की साँस लिया । 

अजीब बात है । मास्क न पहनो तो कोरोना पकड़े । मास्क पहनो तो साँस की दिक्कत । मास्क न पहनो तो जुर्माना भी भरना पड़ सकता है । मैंने कई बार अपनी साँस रोककर लोगों को जुर्माना भरते देखा है । "रोज कुंआ खोदो रोज पानी पीओ " वालों को जुर्माना भरने को कहना उनकी आधी साँस ऊपर और आधी सांस नीचे करने के बराबर है ।

शहरों में सांस लेना दूभर होता जा रहा है । प्रदूषण अपने चरम पर है । प्रदूषण से आपकी साँस उखड़ने लगती है । ऐसे में मास्क पहनना आपके लिए अनिवार्य है । आप मास्क पहनते हैं,  लेकिन साँस लेना भूल जाते हैं । आप भूल जाते हैं कि साँस कहाँ से लें । नाक और मुँह दोनों बंद होते हैं । इधर उधर और सामने से छनकर आती आक्सीजन आपके लिए पर्याप्त नहीं होती । ऐसे में आपकी साँस उल्टी चलने लगे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है ।

मैंने मास्क के लिए कुत्तों को भी लड़ते देखा है । लगता है कि उनमें जागरुकता आ रही है । लेकिन हमने उनकी इस जागरुकता पर उनकी वैमनस्यता को हाॅवी होते देखा है । मास्क तार तार हो जाय,  पर मास्क नहीं छोड़ना है । अपनी साँस को चलाते रहने के लिए , कोरोना की मार से अपने को बचाने के लिए मास्क पहनना जरुरी है । कुत्तों को मास्क चाहिए । किसी भी कीमत पर । चाहे वह फटकर चिथड़ा हीं क्यों न हो जाय ? 

स्लीप एप्निया के मरीज भी एक विशेष तरह का मास्क पहनते हैं । इससे उन्हें अच्छी नींद आती है । साँस लेने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होती है । अस्थमा, निमोनिया,  ब्रोनकाइटिस के कारण भी हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिल पाती है। जो लोग हरदम तनाव में रहते हैं,  उन्हें भी साँस की समस्या हो सकती है ।

मास्क पहनने से भी आप राहत की साँस ले सकते हैं । आप कर्जदारों के चंगुल से बचे रह सकते हैं । मास्क पहने होने की वजह से कर्जदार आपको पहचान नहीं पाएगा । आप शान से उसके सामने से , दाएँ बाएँ से निकल सकते हैं । ऐसे में " कर्ज" नामक मेहमान कोरोना काल तक आराम से आपके साथ रह सकता है ।

मोहतरमाएं भी मास्क पहनतीं हैं । ऐसे में उनकी होठों की लिपस्टिक नजर नहीं आती । नाक की नथुनी नजर नहीं आती और बाल भी स्कार्फ से ढके रहते है । जींस पहनने की वजह से औरत मर्द की पहचान करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
यदि किसी मोहतरमा ने माथे पर बिंदी लगा रखी है तब आपकी साँस में साँस आती है । आप आसानी से नर मादा की पहचान कर सकते हैं । मास्क पहने होने की वजह से मोहतरमाएं बार बार अपने चेहरे को छूकर अपनी कमनीयता से हर समय वाकिफ नहीं रह सकतीं ।

मास्क पहनने वालों को दुःखी होने की अब जरुरत नहीं है । वे काढ़ा,  गर्म पानी, हर्बल चाय,  योग प्रणाम व ध्यान से अपना संपर्क बनाए रखें । दिन में खिड़की दरवाजे खोलकर रखें ताकि घर की दूषित हवा बाहर निकलती रहे । अब कोरोना का टीका भी वजूद में आ गया है । कोरोना के केस भी बहुत कम हो गये हैं । कोरोना अब अंतिम सांसे ले रहा है । ढेर दिन तक आपकी सांसों पर पहरा नहीं रहने वाला है ।
  





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