जरा सा हट के चलता हूं जमाने की रवायत से,
मंगोलिया में तकरीबन 55% आबादी बौद्ध मतावलम्बियों की है. मंगोलिया से मगल, मगल से मुगल बना. चंगेज खान व तैमूर लंग मुगल थे. इन्हीं तैमूर लंग का वंशज था बाबर, जिसने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव डाली. चंगेज खान ने सन् 1206 में घूमंतू जन जातियों को संगठित कर एक राष्ट्र का निर्माण किया, जिसे मंगोलिया कहा गया. मंगोलिया पहले प्राचीन इलावृत का एक भाग था . यहां पहले सनातन धर्म का बोलबाला था. सम्राट ययाति क्षत्रिय थे, जो इलावृत में भारत से आकर बस गये थे. इनके वंशज एलावत (बाद में अहलावत ) क्षत्रिय कहलाए. महाभारत काल में भी इलावृत का नाम आता है. कृष्ण ने कठिन युद्ध में इस इलावृत को जीता था.
इस प्रकार मंगोलिया से भारत का रिश्ता लगभग 4,500 वर्ष पुराना है. सनातन काल के बाद छठी शताब्दी में भारत से दो आचार्य नरेन्द्र तथा शाक्य मंगोलिया में वौद्ध धर्म के प्रचार के लिए आए थे. वे अपने साथ वौद्ध साहित्य और भगवान बुद्ध की मूर्तियां भी लाए थे. बौद्ध धर्म का प्रचार छठीं शताब्दी से 17 वीं शताब्दी तक खूब हुआ. मंगोलिया वासी अपने आप को महात्मा बुद्ध के प्रिय शिष्य मौदग्लायन की संतान मानते हैं. 17 वीं शताब्दी के अंत में मंगोलिया क्विंग राज वंश के अधीन हो गया. सन् 1911 में क्विंग वंश का पतन हुआ तो मंगोलिया ने अपने आप को एक स्वतंत्र देश घोषित कर दिया.
सन् 1945 तक मंगोलिया अंतराष्ट्रीय मान्यता हासिल करने के लिए संघर्ष करता रहा. यह कम्यूनिस्टों के प्रभाव में भी रहा. सन् 1989 में कम्युनिस्टों के टूटने के बाद सन् 1990 में मंगोलिया में लोकतांत्रिक क्रान्ति हुई. लोकतांत्रिक देश होने के बाद सन् 1992 में मंगोलिया का नया संविधान बना. मंगोलिया के तीन भाग हैं -
1)अांतरिक, जो चीन के अधीन है.
2) वाह्य मंगोलिया, जो स्वतंत्र है.
3) साइबेरिया प्रदेश, जो कि रूस के अधीन है.
भारत में मंगोलिया वासी संस्कृत पढ़ने आते रहते हैं. मंगोलिया का जो राष्ट्रीय ध्वज है, उसे स्वयंबू कहते हैं. स्वयंबू संस्कृत के स्वंयभू का अपभ्रंश है. भारतीय पचांग हीं यहां प्रचलित है. लोगों का आयुर्वेद पर काफी भरोसा है. यहां के सप्ताह के हर दिन का नाम लगभग भारतीय दिनों जैसे हैं. रविवार को आदिय (आदित्य वार), सोम वार को सेमिया , मंगल वार को अंगारक, बुधवार को बुद्ध, वृहस्पतिवार को व्रिहस्पत, शुक्रवार को सूकर और शनिवार को सांचिर (सनिचर) कहा जाता है. मंगोलिया के पूर्व राष्ट्रपति का नाम शुंभु(शम्भू) और प्रथम अंतरिक्ष यात्री का नाम गोरक्ष था. यहां इस तरह के हिंदू नाम आम हैं. यहां मर्दों के नाम कीर्ति, कुमुद, कुबेर, सुमेर, जय, बज्रपाणि और औरतों के नाम इंदिरा, रत्ना , अमृता, सुमित्रा, शकुन्तला आदि आपको बहुतायत में मिल जाएंगे. चीन अधिकृत मंगोलिया के प्रथम सम्राट कुब्ले खान ने भारत से बौद्ध धर्मगुरू बुलवाकर अपना राज्याभिषेक करवाया और चीन की विश्व प्रसिद्ध दीवार के पश्चिमी द्वार पर संस्कृत में यह लिखवाया था -
ऊं नमो भगवत्यै आर्य समंत विमलोष्णीषविजयायौ.
मंगोलिया में महभारत सिरियल काफी लोकप्रिय था. यहां जीवक रामायण का अध्ययन किया जाता है. किसी भी शुभ कार्य से पहले गंगाजल का छिड़काव किया जाता है. प्रसिद्ध इतिहासज्ञ शारदा रानी को लोगों ने मंगोलिया में साष्टांग प्रणाम इसलिए किया था कि वो गंगा के देश से आईं हैं. यहां हिंदी फिल्में बड़े चाव से देखीं जाती हैं. पुस्तकालयों में संस्कृत ग्रंथ रखे हुए हैं.
आज चीन व रूस दो महाशक्तियों के बीच सैंडविच बना मंगोलिया भारत के साथ अपने गौरवमयी अतीत को नहीं भूला पाया है. सन् 1955 को भारत से मंगोलिया का राजनैतिक सम्बंध कायम चल रहा है.मंगोलिया सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का कई बार समर्थन कर चुका है. मंगोलिया नहीं भूला है कि वह कौन सी सीढियां चढ़कर यहां तक पहुंचा है.
जरा सा हट के चलता हूं,जमाने की रवायत से,
कि जिनपे बोझ मैं डालूं वो कंधे याद रखता हूं.
- ई एस डी ओझा
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें