जिंदगी का साज भी क्या साज है.
ब्यूटी क्वीन सायरा बानो का आज जन्म दिन है. उनका 23 अगस्त सन् 1944 को जनम हुआ था । सायरा बानो की मां प्रसिद्ध अभिनेत्री नसीम बानो थीं । इनकी पढ़ाई लिखाई लंदन में हुई. स्कूल के दिनों से हीं उन्हें अभिनय का शौक था. भारत में इन्हें 17 साल की उम्र में पहली फिल्म जंगली (1961) मिली, जिसमें उनके हीरो शम्मी कपूर थे. फिल्म सुपर डुपर हिट रही. इस फिल्म के लिए सायरा बानों को सर्वश्रेष्ठ फिल्म अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था.
1968 में आई पड़ोसन, जो सायरा बानों के कैरियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस फिल्म से लोगों को पता चला कि वे हास्य अभिनय भी कर सकती हैं. उन दिनों जाय मुखर्जी के साथ उनकी जोड़ी हिट थी. दोनों ने शागिर्द, दीवाना जैसी कामयाब फिल्में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को दिया. हृषिकेष मुखर्जी जैसे प्रतिभावान निर्देशक के साथ सायराबानों ने 'चैताली ' जैसी क्लासिकल फिल्म भी की.
सन् 1966 में सायरा की शादी दिलीप कुमार से हुई. यह शादी भी बड़े नाटकीय ढंग से हुई. फिल्म 'झुक गया आसमां ' में सायरा बानों के हीरो थे राजेन्द्र कुमार जो उन दिनों जुबली कुमार के नाम से प्रसिद्ध थे. एक साथ काम करते वक्त प्यार होना स्वभाविक था. सायरा बानों का झुकाव भी राजेन्द्र कुमार की तरफ हुआ, किंतु राजेन्द्र कुमार पहले से हीं शादी शुदा और तीन बच्चों के बाप थे. कहते हैं कि प्यार अंधा होता है. इस अंध प्यार में पागल सायरा बानों के जन्मदिन पर जब राजेन्द्र कुमार नहीं पहुंचे तो सायरा फूट फूट कर रोने लगीं. ऐसे में रदिलीप कुमार आगे आए .उन्होंने सायरा बानों को समझाया ,'तुम यंग हो. तुम्हें कोई भी कुंवारा पसंद कर लेगा. तुम राजेन्द्र कुमार के चक्कर में न पड़ो. वह तो शादी शुदा है. ' सायरा बानो ने छूटते हीं दिलीप कुमार से पूछा, ' कौन करेगा मुझसे शादी? क्या आप करेंगें? '
दिलीप कुमार इस प्रश्न के लिए तैयार नहीं थे. इसलिए उस समय वे कुछ नहीं कह सके. काफी विचार मंथन के बाद दिलीप ने सायरा बानों की मां नसीम बानों के पास रिश्ता भिजवाया. नसीम बानों को शादी शुदा राजेन्द्र कुमार से बेहतर कुंवारे दिलीप कुमार अच्छे लगे. उस समय दिलीप कुमार की उम्र 44 और सायरा बानों की 22 साल थी. शादी में दिलीप कुमार घोड़ी पर बैठे थे. एक तरफ राजकपूर तो दुसरी तरफ देव आनंद नाच रहे थे.
शादी के बाद दिलीप और सायरा ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया.उनकी सगीना, गोपी, बैराग आदि फिल्में काफी प्रसिद्ध हुईं थीं. शादी के बाद सन् 1972 में सायरा बानों ने एक नये हीरो नवीन निश्चल के साथ विक्टोरिया नं. 203 में काम किया. शूटिंग के दौरान वे चोटिल हो गईं , जिससे उनका एबार्सन हो गया. फिर कभी वे मां नहीं बन सकीं. दिलीप कुमार फूट फूट कर रो पड़े थे.
आज दिलीप कुमार की उम्र 90 के पार है. सायरा बानों भी 72 साल के ईर्द गिर्द पहुंच चुकी हैं. दिलीप कुमार की अब याददाश्त कमजोर हो गई है. आंख से दिखाई व कान से सुनाई कम पड़ने लगा है .उनकी हमसफर सायरा बानों हीं उनकी आंख, कान बनी हुईं हैं. जिंदगी का साज बेआवाज बज रहा है.
जिंदगी का साज भी क्या साज है,
बज रहा है और बेआवाज है.
- ई एस डी ओझा
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