अलविदा कह गया सबसे फिर बीता कल .

सर्वाधिक अंतराष्ट्रीय 55 गोल दागने वाले अर्जेंटिना के स्टार फारवर्ड फुटबाल खिलाड़ी लियोनल मैसी ने दिनांक 27 जून 2016 को अंतराष्ट्रीय फुटबाल से सन्यास ले लिया. कोपा अमेरिका के फाइनल मुकाबले में चिली के हाथों मिली 2-4 की पराजय ने राष्ट्रीय टीम के साथ बड़ी ट्राफी जीतने की उनकी दिली तमन्ना पर तुषारापात कर दिया. वैसे, वे अब भी वर्सिलोना क्लब की तरफ से अपना खेल जारी रखेंगे.लियोनल मैसी ने कहा था, " मेरा राष्ट्रीय टीम के साथ का सफर पूरा हुआ. मैं जो कर सकता था, वो किया. "
गत वर्ष की हीं भांति इस वर्ष भी खिताबी भिड़ंत चिली और आर्जेन्टीना के बीच रही. निर्धारित 90 मिनट तक कोई गोल नहीं हुआ. 30 मिनट और अतिरिक्त दिए गये. फिर कोई गोल नहीं हुआ तो पेनाल्टी शूट आउट के तहत फैसला करने का निर्णय लिया गया. अार्जेंटिना की तरफ से पहला शूट आउट मैसी ने किया, जो गोल पोस्ट के बाहर पड़ा. 82 हजार दर्शकों से खचाखच भरी स्टेडियम ने  मैसी की उस हताशा व निराशा को देखा,जिसमें उन्होंने जर्सी से अपना मुंह ढांप लिया था.
जब लियोनल मैसी 11 साल के थे और जूनियर फुटबाल टीम में खेल रहे थे ,तभी उन्हें ग्रोथ हारमोनल बीमारी से दो चार होना पड़ा था. डाक्टरों का कहना था कि अगर इलाज नहीं हुआ तो मैसी का विकास रुक जाएगा. हर माह तकरीबन 61 हजार का खर्च वहन करना मैसी के परिवार के बस की बात नहीं थी. ऐसे में स्पेन के वर्सिलोना क्लब ने इस नवोदित खिलाड़ी की यह जिम्मेदारी अपने ऊपर ली. मैसी का इलाज खर्चीला तो था हीं, साथ हीं तकलीफ देह भी था. मैसी डटे रहे. वे अपने हाथों से हर रोज जांघ में हारमोंस का इन्जेक्शन लगाते. सात दिन बीत जाने के बाद दुसरे जांघ में इंजेक्शन लगाना होता. यह सिलसिला तीन साल तक चला. उनका कद औसत रहा.
लियोनल मैसी का अपनी दादी से गहरा लगाव था. वे अपना हर गोल दोनों हाथ हवा में आकाश की तरफ उठाकर अपनी दादी को समर्पित करते थे. उनका मानना था कि उनकी दादी मां अासमान से उनकी हर गतिविधि देख रही हैं. जब वे दस साल के थे तभी उनकी दादी गुजर गईं थीं.
एक टूर्नामेंट में लियोनल मैसी भाग लेने से पहले वाश रूम गये. कुदरती दरवाजा लाक हो गया. हाफ टाइम तक उनकी टीम 1-0 से पिछड़ी हुई थी. मैसी शीशा तोड़ बाहर आए. उन्होंने एक के बाद एक लगातार तीन गोल दागे. मैसी की टीम हारते हारते जीत गई .
कहते हैं कि मुसीबत अकेले नहीं आती. सन्यास लेने के बाद मैसी एक अलग तरह की मुसीबत में फंस गये हैं. स्पेन की एक अदालत ने उन्हें और उनके पिता को टैक्स चोरी व धोखाधड़ी के आरोप में 21 माह की सजा और 15 करोड़ का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने उनकी यह दलील खारिज कर दी है कि उन्हें नियमों की जानकारी नहीं थी.
आर्जेन्टीना के सैकडो़ फुटबाल प्रेमी बारिश में भींगते हुए यह अपील करते रहे कि मैसी को सन्यास वापस लेना चाहिए. वे रो रहे थे, चिल्ला रहे थे व नारे लगा रहे थे. आर्जेन्टिना के राष्ट्रपति मोरासियो मार्की, आर्जेन्टिना के हीं धाकड़ फुटबाल खिलाड़ी डियोगे मेराडोना, ब्राजील के दिग्गज खिलाड़ी पेले आदि सभी ने लियोनल मैसी से सन्यास न लेने की अपील की है.
मैसी के नेतृत्व में अर्जेंटिना की टीम क्रमशः 2007, 2015, 2016 में तीन बार कोपा अमेरिका के फाइनल में पहुंच चुकी है. 2014 के विश्व कप फाइनल में भी यह टीम पहुंची है,जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धी मानी जानी चाहिए. लियोनल मैसी पांच बार विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी रह चुके हैं.
अब जब कि मैसी ने सन्यास लेने की घोषड़ा कर दी है. कुछ दिन यह चर्चा का विषय रहेगा. फिर लोग इस 29 वर्षीय अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी को धीरे धीरे  भूल जाएंगे. फिर एक नई तलाश. फिर एक नई हलचल हम पर तारी होगी.
अलविदा कह गया सबसे फिर बीता कल ,
नई उम्मीद की तलाश में होने लगी हलचल.
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Er S D Ojha
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