मगर हादसों ने छीन लीं जिन्दगी.

राजकुमारी डायना की शादी महज 20 साल में हो चुकी थी, जब कि राजकुमार चार्ल्स 32 साल के थे. राजकुमारी डायना जहां चार्ल्स के कोमिला पार्कर बाउल से प्रेम सम्बंधों के कारण उनसे शादी नहीं करना चाहतीं थीं,वहीं राजकुमार चार्ल्स डायना के साथ मात्र छः माह के परिचय को शादी के लिए नाकाफी मान रहे थे. चूंकि इस शादी का प्रचार काफी हो गया था, इसलिए दोनों को मन मसोस कर हां कहनी पड़ी. उन दिनों दोनों की हर बात का मीडिया में बखान हो रहा था. यहां तक कि उनकी सगाई की अंगूठी के बारे में बढ़ चढ़कर बातें हो रहीं थीं. कहा जा रहा था कि अंगूठी की कीमत 90 हजार पौण्ड है, जिसमें 14 सालिएटर हीरे जड़े हुए हैं. उस शादी की अंगूठी को दोनों की पुत्रवधु ने अब अपनी सगाई में पहना है .
राजकुमारी डायना को पढ़ाई में रूचि नहीं थी. उनकी रूचि संगीत में थी. वे बहुत अच्छा पियानो बजा लेती थीं.  उन्होंने कम उम्र में हीं पढ़ाई छोड़ दी थी. कुछ समय तक खानसामा की नौकरी की .कभी वे के जी टीचर भी रहीं . जब उनकी शादी राजकुमार चार्ल्स के साथ हुई तो उस शादी को तकरीबन 75 करोड़ लोगों ने टी वी पर लाइव देखा था.
राज कुमारी डायना कई चैरिटी संस्थाओं से जुड़ीं थीं. उनकी इस परोपकारी कदम ने उन्हें दुनियां भर में काफी मशहूर कर दिया. वे हर दिल अजीज लेडी डायना हो गयीं. इतना सब कुछ होते हुए भी उनका राजकुमार चार्ल्स के साथ रिश्ता कभी मधुर नहीं रहा. उनकी दिलों की दरमियां दूरी बढ़ती गयी. दो बच्चे भी हुए, पर ये बच्चे उस दूरी को पाट नहीं सके. और  अंततोगत्वा दोनों का तालाक हो गया.
31अगस्त सन् 1997 को एक सड़क दुर्घटना में लेडी डायना की मृत्यु हो गयी. कार में सवार डायना के मित्र डोडी अल फयाद की भी मृत्यु हो गयी थी. बताया जाता है कि दुर्घटना के वक्त कुछ पीत पत्रकार कुछ नयी खबर की चाह में उनका पीछा कर रहे थे. ड्राइवर कार नहीं सम्भाल पाया. दुर्घटना घट गयी.
वही आबाद गलियां,
वही दुअा बंदगी.
मगर हादसों ने ,
लो छीन ली जिंदगी.
          - ई एस डी ओझा

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