सर्द रातों में पसीने ।

 सर्द रात है । आप गहरी नींद सो रहे हैं । अचानक आपकी नींद खुलती है । आप पाते हैं कि आपका पूरा बदन पसीने में नहाया हुआ है । रजाई गीली है । बिस्तर गीला है ।आप सोच में पड़ जाते हैं । ऐसा हुआ तो कैसे हुआ ?

इस तरह का वाकया यदि बार बार होने लगे तो समझिए कि आपको कोई गम्भीर बीमारी हो गयी है । आप टी बी के चपेट में आ गये हैं । टीबी के 45% मरीजों को रात में पसीना आता है । चाहे गर्मी हो या सर्दी । 

रजोनिवृति के कारण भी कुछ महिलाओं को रात में पसीना आता है । इसका एक कारण हार्मोन की गड़बड़ी भी है । कुछ पुरुषों में भी महिलाओं की तरह हीं मोनोपाॅज आता है । उनमें 50 साल के बाद कामेच्छा धीरे धीरे खतम होने लगती है । इस क्रिया को एंड्रोपाॅज कहते हैं । एंड्रोपाॅज की वजह से भी रात में पसीना आता है ।

स्तन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर से लड़ रहे 2/3 लोगों को भी रात में पसीने आते हैं । कैंसर की और किस्मों में भी पसीने आ सकते हैं जैसे - ल्यूकोमिया, लिंफोमा । एच आई वी पाॅजिटिव से ग्रस्त कुछ मरीज भी रात को पसीने की चपेट में आते हैं ।

स्लीप एपनिया की वजह से भी लोग रात में पसीने से नहा उठते हैं । जिन्हें अम्लता की बीमारी होती है , उनके पेट में अतिरिक्त अम्ल एकत्र हो जाता है । नतीजतन पेट में जलन,  गैस,  खट्टे डकार आने शुरू हो जाते हैं । ऐसे कुछेक लोगों को सोए हुए में बहुत पसीना आता है ।

टाइप टू मधुमेह के मरीजों का कभी कभी रात में शूगर का स्तर बहुत कम हो जाता है । ऐसे मरीज भी पसीने से लथपथ हो जाते हैं । उन्हें रात को कोई मीठी चीज जैसे टाॅफी या चाॅकलेट खा लेना चाहिए ।

सर्दी के महीने में कुछ लोग लहसुन का ज्यादा सेवन करते हैं । उन्हें भी रात में इस तरह के पसीने आते हैं । ऐसे लोगों को लहसुन की एक या दो कली हीं खानी चाहिए । 

कहते हैं कि बादलों को किसी समय भी पसीना आ जाता है । कारण बड़ा जबर है । इस गीत की शुरुआती दो लाइनों में इसका खुलासा किया गया है -

जुल्फ लहराई तो सावन का महीना आ गया ।                    आसमां पर हाय बादलों को पसीना आ गया ।

बरसात के दिनों में जुल्फ लहराना बंद कर देना चाहिए । बादलों का काम बारिश करना है । यदि उन्हें हीं पसीना आने लगेगा तो बारिश लाने का काम कौन करेगा ?  


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