मखमली तलाक.
चेकोस्लाविकिया मध्य योरोप का एक देश हुआ करता था. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इसका विलय जर्मनी में कर दिया गया, पर सन् 1945 में सोवियत संघ ने इसके पूर्वी भाग पर कब्जा कर लिया. कब्जा किए हुए भू भाग पर कम्युनिस्ट शासन रहा. जब सोवियत संघ का विघटन हुआ तो यहां से भी कम्युनिस्ट शासन का खात्मा हुआ .जर्मनी वाला भू भाग भी स्वतंत्र कर दिया गया.
अब पूरे चेकोस्लोवाकिया का एक अलग अस्तित्व हो गया. धीरे धीरे यहां के दो समुदायों चेक व स्लोवाक में आपसी रंजिश रहने लगी. तनाव दिन ब दिन बढ़ता गया. इस तनाव को दूर करने के लिए सन् 1992 में रायशुमारी कराई गई. जनता का फैसला बंटवारे के पक्ष में था
सन् 1993 में चेकोस्लोवाकिया का विभाजन हो गया. एक को चेक गणराज्य और दुसरे को स्लोवाकिया कहा गया. विश्व की अन्य देशों की तुलना में यह विभाजन काफी शान्तिपूर्ण ढंग से निपट गया. कोई शोर शराबा नहीं, कोई खून खराबा नहीं. इसलिए इतिहासकारों और समीक्षकों ने इस बटवारे को अपने अंदाज में 'मखमली तलाक' की संज्ञा दी .
आज इस बटवारे को हुए तकरीबन 23 साल गुजर चुके हैं. इतने विचारणीय समय गुजर जाने के उपरान्त भी बहुत से लोग इसे एक हीं देश मानते हैं. हर जगह इन्हें चेकोस्लावाकिया के नाम से पुकारा जाता है. कारण, क्या हो सकता है ? वही खून का रिश्ता. सन् 1918 से सन् 1992 तक (74 साल ) के बेटी व रोटी के रिश्ते को भला कैसे दरकिनार किया जा सकता है ? तो इसी बात पर 'सीमाब' सुल्तानपुरी का एक शेर -
जख्म होते हीं नहीं दिल से अलग ऐ 'सीमाब '
हो न हो इनमें कोई , खून का रिश्ता होगा.
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