बरस रहा है हमारी कनखियों से एक जिंदा इत्रपाश.
आज ममूटी का जन्म दिन है. 7 सितम्बर सन् 1948 को जन्म हुआ था ममूटी का. जन्म एक मलयाली किसान परिवार में हुआ था. वकालत की पढ़ाई पूरी की. दो साल तक वकालत की.मन नहीं रमा. शुरू से हीं फिल्मों में रूझान रहा. उसी में हाथ आजमाया . ममूटी की गाड़ी चल पड़ी.
ममूटी की पहली फिल्म सन् 1971 में आई . फिल्म का नाम था - अनभावंगल पालिचकल. फिर सन् 1973 में काल चक्रम आई. परन्तु जिस फिल्म ने उन्हें स्टार बनाया, वह फिल्म थी 'यवनिका '. इस फिल्म में ममूटी एक पुलिस वाले की भूमिका में थे. इस फिल्म में उन्होंने पुलिस वाले की भूमिका इस कदर जीवंत की कि उन्हें इसके एवज में 25 और फिल्मों में पुलिस वाले की भूमिका करनी पड़ी.
सन् 1986 में ममूटी की 35 फिल्में आईं ,जो कि एक रिकार्ड है. इतनी फिल्में करना किसी भी वाली वुड या हालीवुड अभिनेता के वश की बात नहीं है. सन् 1991 में उन्होंने प्रोस्थेटिक मेकअप के जरिए बाबा साहब अम्बेडकर का किरदार निभाया. बाबा साहब की हर भंगिमा, हर मुद्रा को ममूटी ने बखूबी निभाया. सब ने उनके काम की प्रशंसा की.
ममूटी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का 3 बार राष्ट्रीय पुरूष्कार मिल चुका है. 7 बार केरल सरकार ने उन्हें पुरूष्कृत किया है . 11 बार फिल्म फेयर पुरूष्कार उन्हें मिल चुका है. कैप्टन लक्ष्मी सहगल और प्राख्यात इतिहासकार इरफान हबीब के संग ममूटी को 'डी लिट' की उपाधि मिल चुकी है.
ममूटी अब तक 360 फिल्मों में काम कर चुके हैं, जिसमें से एक उल्लेखनीय हिंदी फिल्म 'धरती पुत्र ' भी है. आज की तारीख में ममूटी सबसे लोकप्रिय मलयाली हैं. उनका कहना है कि वे उस मेहनतकश किसान की तरह हैं, जिसे अपने काम की चिंता रहती है और जो हमेशा सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करता है.
जन्म दिन शुभ हो ममूटी !
एक खुश्बू हमारे ,
पलकों में बस गयी है,
जहां से बरस रहा है ,
हमारी कलखियों में ,
एक जिन्दा इत्रपाश.
- इं एस डी ओझा
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