बीच की अंगुली दिखाना
कुछ दिन पहले टी वी पर एक डिवेट देखा था । तबलीकी जमात के प्रवक्ता शोएब जमई ने अपने प्रतिद्वंद्वी की किसी बात से नाराज होकर उसे बीच की अंगुली दिखा दी थी । उल्टी हथेली कर बीच की अंगुली दिखाना एक तरह से गाली देने के बराबर माना जाता है । किसी ने आपको कोई अमर्यादित बात कही और आपने बदले में उल्टी हथेली कर बीच की अंगुली दिखा दी तो मामला बराबर हो जाता है , बल्कि इससे दूसरा पक्ष तिलमिला उठता है । उसका यह कृत्य दुष्कर्म करने जैसा है ।
जब ग्रेग चैपल भारतीय क्रिकेट टीम के कोच थे तो उन्होंने पत्रकारों को बीच की अंगुली दिखाई थी । इस बात पर काफी हो होल्ला हुआ । बाद में ग्रेग चैपल ने कहा था कि उनकी बीच की अंगुली में चोट लगी थी । वे परेशान थे । इसलिए उन्होंने अपनी उस अंगुली को बस की खिड़की से बाहर निकाला था ।इसके पीछे उनका कोई गलत मंतव्य नहीं था ।
फिल्मों में भी धड़ल्ले से बीच की अंगुली दिखाने का रिवाज चल रहा है । " नो वन किल्ड जेसिका " और " राक स्टार" में भी रानी मुखर्जी और रणवीर कपूर ने बीच वाली अंगुली दिखाई थी । सोनम कपूर भी किसी फिल्म में बीच की अंगुली दिखा कर इस जमात में शामिल हुईं थीं ।
यह चलन बहुत तेजी से बढा है । विरोध करने में भी यह तरीका बहुत कारगर हो रहा है । राष्ट्रपति ट्रम्प वर्जीनिया में गोल्फ खेलने गये थे । वहाँ उन्हें एक महिला ने अपनी बीच वाली अंगुली दिखाकर उनकी नीतियों का विरोध किया था । दरअसल वह महिला साइकिल से कहीं जा रही थी । तभी राष्ट्रपति की कार उसके पास से गुजरी । उस महिला को राह चलते मौका मिल गया । उसने उल्टी हथेली की और राष्ट्रपति को बीच की अंगुली दिखा दी ।
बीच की अंगुली दिखाने का रिवाज पन्द्रहवीं शताब्दी से हीं शुरू हो गया था । 1415 में अंग्रेजी और फ्रांसिसी सेना के बीच युद्ध हुआ था । अंग्रेजों के पास लम्बे लम्बे वाण थे । वे फ्रांसीसी सेना को अपनी बीच की अंगुली दिखाकर डराते थे कि उनके पास लम्बे लम्बे वाण हैं । ऐसे में फ्रांसीसी सेना ने सार्वजनिक तौर पर एलान किया कि यदि वे जीत गये तो अंग्रेजों की बीच की अंगुली काट कर फेंक देंगे ।
दुर्भाग्य से फ्रांसीसी हार गये । जब कहीं अंग्रेज फ्रांसीसियों को देखते तो उन्हें वे अपनी बीच की अंगुली जरुर दिखाते । उनका मंतव्य उनको छेड़ कर यह जताना था कि बीच की अंगुली उनकी अब भी सलामत है । तुम काट नहीं पाए ।
कालांतर में यह क्रिया गाली की प्रतीक बन गयी । उत्तरी अमेरिका (जहाँ ढेर सारे अंग्रेज निवास करते हैं ) में इसका बहुत प्रयोग हुआ था । अब यह चलन पूरे विश्व में फैल चुका है । इसका प्रयोग कर आप किसी को भी अपमानित कर सकते हैं । बदले में आप भी मोटी मोटी गाली सुन सकते हैं ।
हमारी सभ्यता व संस्कृति में बीच की अंगुली को सुख शांति व समृद्धि का प्रतीक माना गया है । जिनकी मध्यमा तर्जनी से छोटी होती है, उनके यहाँ सुख, शांति और समृद्धि कभी नहीं टिकती । ऐसी मान्यता है । वैसे तर्जनी हजारों में एक या लाखों में एक मध्यमा से लम्बी होती होगी ।
हमें अपनी मान्यताओं पर नाज होना चाहिए । हमें किसी और द्वारा स्थापित मान्यताओं का बहिष्कार करना चाहिए । यदि हमें कोई बीच की अंगुली दिखाता है तो हमें यह मानकर चलना चाहिए कि वह हमारे सुख शांति और समृद्धि के लिए मंगल कामना कर रहा है । हमें उसका धन्यवादी होना चाहिए ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें