सुर सरिता बहाने वाली मुबारिक बेगम नहीं रहीं.

1950 -70 के मध्य हिंदी सिनेमा में गायिकी के स्वर्णिम दौर की मलिका-ए-तरन्नुम मुबारिक बेगम का दिनांक 18 -07-2016 को देर रात देहांत हो गया. उन्होंने लगभग 110 फिल्मों में गीत गाए थे. मुबारिक बेगम ने आल इंडिया रेडियो से अपने कैरियर की शुरूआत की थी .आज से 70 साल पहले मुम्बई आईं संगीत की इस कोकिला को सन् 1949 में फिल्म 'आइए ' में गाने का पहला मौका मिला था.
मुबारिक बेगम लम्बे समय से बीमारी से जूझ रहीं थीं.  उनकी उम्र लगभग 80 के आस पास थी . कल दिनांक 19-07 -2016 को मुम्बई के ओशिवरा मुस्लिम कब्रस्तान मे उन्हें सुपुर्द -ए-खाक किया गया. उनका अंतिम समय मुफलिसी में बीता था. सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर समय समय पर उन्हें  आर्थिक मदद करतीं रहतीं थीं.
मुबारिक बेगम नियमित रुप से मंच व संगीत कंसर्ट में अपनी प्रस्तुति दिया करतीं थीं. उनका जन्म सुजानगढ़ में हुआ था. हिन्दी व उर्दू दोनों भाषाओं पर उनकी पकड़ थी.
मुबारिक बेगम अपने गीतों के माध्यम से हमारे दिलों में हमेशा जिन्दा रहेंगी.
कभी तन्हाईयों में यूं हमारी याद आएगी.
अंधेरे छा रहे होंगें, बिजली कौंध जाएगी.

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