रहस्यों के घेरे में - ब्रूसली की मौत.

27 नवम्बर सन् 1940 में सनफ्रांसिसको में जन्म हुआ था ब्रूसली का. महज 32 साल की उम्र में हीं 20 जुलाई सन् 1973 में उनकी मौत भी हो गई. पोस्टमार्टम में उनके दिमाग में सूजन पाई गई. कहा गया कि यह सूजन अत्यधिक मात्रा में भांग के सेवन से हुई है. वैसे ब्रूसली भांग व नशीली दवाओं का सेवन करते थे. उनका कहना था कि इनके सेवन से उन्हें नई ऊर्जा मिलती है.
ब्रूसली मात्र 32 साल की उम्र में लोकप्रियता के उस चरम बिन्दु पर पहुंच गये थे, जहां पहुंचने का हर जवान सपने देखता है. उनके जीने का हर तौर तरीका एक स्टाइल बन गया. मृत्यु तक उनका व्यक्तित्व रहस्य के आवरण में लिपटा रहा. छोटी उम्र से हीं ब्रूसली ने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी और 13 वर्ष की उम्र आते आते वे इसमें पारंगत भी हो गये थे. जूडो, कराटे, कूंग फू आदि विधाओं में वे पूर्ण रूपेण सक्षम हो गये थे.
ब्रुसली ने महज 16 साल की उम्र में हालीवुड में प्रवेश किया. उनकी फिल्म Enter the dragon ने सारी दुनियां में तहलका मचा दिया था. वे रातों रात स्टार बन गये. हालीवुड में जबरदस्त पैमाने पर सफलता पाने वाले वे पहले एशियाई एक्टर बने.
ब्रूसली जब तक जिन्दा रहे. अफवाहें उनके साथ चोली दामन की तरह चिपकी रहीं . उनका मरना भी रहस्यमय रहा. सबसे ज्यादा अफवाह उनके व्यक्तिगत जिन्दगी से जुड़ीं. गुप्तचर संगठनों से लगायत उनके संबंध के तार अपराधियों, उपद्रवियों और बड़े बड़े आतंकवादी संगठनों से जोड़े गये. ब्रूसली के मार्शल आर्ट के बारे में इतनी बातें कहीं गयीं कि मानों वे मानव न होकर एक देव पुरूष हों, जो कुछ भी कर सकता है. कहा जाता है कि ब्रूसली के शरीर में इतनी चुस्ती फुर्ती थी कि उनकी गतिविधियों को कैमरे में कैद करना मुश्किल था.इसलिए फिल्मों के कैमरामैन उनसे जरा धीरे एक्सन करने का अनुरोध करते . उनकी अंगुली में इतनी ताकत थी कि वे उससे किसी का भी पेट फाड़ सकते थे. उनके घूंसे में इतना दम था कि वे आदमी को 20 ft ऊंचा उछाल सकते थे.
इन तमाम अफवाहों व किंवदन्तियों के बीच जब ब्रूसली एक दिन चिर निंद्रा में सो गये तो एक बार फिरअफवाहों और अटकलों का बाजार गर्म हो गया. उनकी मौत को सामान्य नहीं माना गया. जांच आयोग बैठा. जांच आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि दर्द निवारक गोलियों के अधिक इस्तेमाल के कारण उनकी मौत हुई.मालूम हो कि चिकित्सकों ने भी निर्विवाद रुप से इस तथ्य को स्वीकार किया कि ब्रूसली की मौत निहायत हीं प्राकृतिक थी.
परन्तु ब्रूसली के प्रशंसकों ने उनकी मौत प्राकृतिक नहीं माना . वे आज भी उनकी मौत को एक हत्या करार देते हैं. उनका मानना है कि ब्रूसली को जहर जड़ी बूटियों के माध्यम से दिया गया था. चूंकि यह जहर काफी कम मात्रा में दिया जाता था, इसलिए चिकित्सकों को इस बावत पता नहीं चल पाया. कुछ प्रशंसक तो यह भी मानते हैं कि ब्रूसली की मौत हीं नहीं हुई है. जहां तक दफनाने की बात है तो उन्हीं के चेहरे से मिलते जुलते किसी अन्य मृत व्यक्ति को ब्रूसली के नाम पर दफना दिया गया . ब्रूसली आज भी जिंदा हैं और किसी रहस्यमयी जगह पर रहकर गुमनामी की जिन्दगी बशर कर रहें हैं. समय पाकर वे पूरी दुनियां के सामने प्रकट होंगें. मेरा मानना है कि ब्रूसली अब इस दुनियां में नहीं हैं और वे अब इस दुनियां में नहीं आने वाले.
लाख ताबीज बंधे, लाख दुआएं भी हुईं,
मगर आए हीं नहीं, जो न थे आने वाले.
                     -
Er S D Ojha
Image may contain: 1 person

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आजानुबाहु

औरत मार्च

बेचारे पेट का सवाल है