काले संग निकली कि न लग जाए नजरिया.
प्रकृति ने मात्र तीन रंग बनाए हैं-लाल, हरा और नीला.
लाल रंग क्रान्ति का, हरा हरियाली का और नीला रंग आसमान का द्दोतक माना गया है. वैसे प्रकृति विविध रंगों से सजी है, पर मूल रूप से ये तीन रंग हीं हैं, जिनसे और सारे रंग निकले हुए हैं. सारे रंगों को मिला दिया जाय तो रंग काला बनेगा. काला रंग सभी रंगों का प्रधान रंग होता है. इस रंग के बनने के बाद इस पर कोई अन्य रंग नहीं चढ़ सकता.
कबीर कारी कामरिया , चढ़े न दूजो रंग.
यदि काले रंग पर कोई और रंग चढ़ाने की कोशिश की जाय तो वह रंग नहीं बदरंग होगा. काला रंग हर किसी रंग के सत्ता को नकारता है. यह हर तरह की ऊर्जा को आत्मसात कर लेता है. यह मात्र लेता है, देता कुछ नहीं. इस रंग को पसंद करने वाले लोग परिस्थितियों के साथ कभी समझौता नहीं करते. संघर्ष करते हैं. हार नहीं मानते.
काला रंग शोक का प्रतीक माना जाता है. इसलिए मृत्यु पर शोक मनाने के लिए कई जगह काले कपड़े पहनने का रिवाज है. राजस्थान की रूदालियां काले कपड़े पहनकर हीं शोक मनाती हैं. काली रात में काला बोतल, काला मुर्गा से हीं तंत्र मंत्र की सिद्धि होती है. मां काली का रूप काला, काले शिव के गले में नाग काला ,गणेश का सिर काला(हाथी का ) और सवारी चूहा भी काला ,शनिदेव काले तो राम, कृष्ण भी काले. काला रंग प्रकृति का एक सार्वभौमिक शास्वत सत्य है.
काला रंग गर्मी को ज्यादा अवशोषित करता है. इसलिए धूप में भैंस ज्यादा देर तक नहीं रहती. वह जल्दी घर भाग आती है. वह पूरी गर्मी अपने को ठंडा करने के लिए कीचड़ / पानी में घुसी रहती है. गर्मी में काले छाते लेकर लोग नहीं चलते. भले बारिश में काले छाते से अपना वेशक बचाव कर लें. कभी सुप्रसिद्ध फिल्मी हस्ती देवानन्द अपने काले ड्रेस के लिए जाने जाते थे. जब से किसी लड़की ने उनकी काली ड्रेस पर फिदा हो सुसाइड किया ,तब से उनके काले ड्रेस पहनने पर बैन लगा दिया गया था.
मनुष्यों की चमड़ी का रंग या तो गोरा होगा या काला , परन्तु गोरे रंग का क्रेज इतना है कि काले रंग के लड़के को भी दुल्हन गोरी हीं चाहिए. क्या मां अपने बच्चों में काले गोरे का भेद करती है? राम लक्ष्मण की जोड़ी काले और गोरे की थी, जिसे उनकी माएं प्यार व हसरत से देखा करती थीं -
श्याम, गौर सुन्दर दोऊ जोड़ी ;
निरखहिं छवि जननी तृन तोरी.
काला रंग समाज के लिए अभिशाप बनता जा रहा है. जब सभी को गोरी दुल्हन हीं चाहिए तो काली लड़कियां कहाँ जाएंगीं ? गोरा रंग वहाँ पहुंच गया है, जहाँ सीरत की कोई कद्र नहीं , सूरत हीं सब कुछ है. काली लड़कियों की शादी में व्यवधान होता है, जिससे उन्हें मर्मंतक पीड़ा होती है. काले से गोरा बनाने की क्रीम बाजार में धड़ल्ले से बिक रही है. उससे रंग कितना साफ होता है? यह तो पता नहीं, पर क्रीम बनाने वालों की चांदी हो जाती है. हम यह मान कर क्यों न चलें कि काले लोग भी इंसान होते हैं. काले लोगों की भी सरंचना हाड़ मांस से हीं हुई है. वे भी गोरों की तरह हंसते , रोते हैं. वे पृथ्वी से इतर प्राणी नहीं हैं. हमें अपना नजरिया बदलना होगा, क्योंकि -
Beauty lies in the eyes of beholder.
काला रंग गोरों के लिए सेक्युरिटि का काम करता है. चांद से गोरे मुखड़े पर एक काला टीका खूबसूरती में चार चांद तो लगाता हीं है, साथ हीं बुरे लोगों की बुरी नजर से भी बचाता है. एक मोहतरमा काले के संग इसलिए बाहर निकलती हैं ताकि उनका बुरी नजर से बचाव हो सके.
काला तोरा रंग है,
गोरा मोरा अंग है.
काले संग निकली कि ,
न लग जाए नजरिया.
- ई एस डी ओझा ।
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