रहे न रहे हम महका करेंगे ......

6 अप्रैल सन् 1931 को जन्मी बंगाल सुन्दरी सुचित्रा सेन का चेहरा बहुत हीं फोटोजेनिक था. उनकी बंगला फिल्मों के महानायक उत्तम कुमार के साथ जोड़ी बहुत हिट रही थी. दोनों ने लगभग 30 फिल्मों में एक साथ अभिनय किया और सारी फिल्में सुपर हिट रहीं थीं. सुचित्रा सेन से फिल्म साइन कराने के बाद निर्माता उत्तम कुमार के पास जा पहुंचते थे और उत्तम कुमार भी आंख मूंद कर उस फिल्म के लिए साइन कर देते थे. इस तरह की ट्यूनिंग थी दोनों कलाकारों में.
सुचित्रा सेन ने ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार की फिल्म देवदास में पारों का अभिनय कर यह साबित कर दिया कि वह दिलीप कुमार से किसी भी तरह कम नहीं है. फिल्म आंधी में भी अभिनय के बादशाह संजीव कुमार के साथ उन्होंने अपने भाव प्रवण अभिनय का लोहा मनवाया था . यह फिल्म उस समय के प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित थी. इसलिए जल्द हीं विवादित हो गई. इस विवाद से सुचित्रा सेन काफी आहत हुईं और उन्होंने फिल्मों से सन्यास ले लिया.
सुचित्रा सेन को दादा साहब फाल्के पुरुष्कार भी मिला था,लेकिन उन्होंने उसे लेने से इन्कार कर दिया . उनकी धर्मेंद्र और अशोक कुमार अभिनीत एक फिल्म ममता आई थी. फिल्म बहुत चली . 
14 जनवरी सन् 2014 को सौन्दर्य की इस देवी की मौत हो गई . 80 वर्षीय इस अभिनेत्री की अंतिम इच्छा थी कि उनकी शव यात्रा में उनका चेहरा न दिखाया जाय. उनकी इस इच्छा का सम्मान किया गया . वैसे भी फूल दिखे या नहीं दिखे. क्या फर्क पड़ता है ? उसकी खूश्बू तो हर सिम्त मौजूद है.
रहे न रहे हम, महका करेंगे,
बन के कली, बन के सबा , बाग -ए-वफा में.
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