गढ़वाल के राजा सुदर्शन शाह
गढ़वाल के राजा सुदर्शन शाह ने की थी अंग्रेजों की भक्ति।
सुदर्शन शाह गढ़वाल के ऐसे राजा थे , जिनकी आर्थिक व राजनीतिक शक्ति क्षीण हो चली थी । वे पूर्णतः अंग्रेजों के दया माया पर निर्भर थे । कनखल के युद्ध के बाद उनकी स्थिति और बदतर हो गयी ।
गढ़वाल में जब भी कोई अंग्रेज शिकार या पर्यटन के लिए आता तो सुदर्शन शाह उनके मुर्गियों और कुत्तों तक को ढोने के लिए पालकी और मजदूर मुहैय्या करवाया करते थे । उसने प्रजा को स्पष्ट आदेश दे रखा था -
"अंगरेज बहादुर की कुली बरदायश मा हाजर रहणों "
ऐसे में राजाज्ञा का उल्लंघन कौन करता ? एक बार कुछ लोगों ने हुकुम उदूली की तो उन्हें तत्क्षण हीं राजा ने दण्डित किया था ।
जैसे ही कोई अंग्रेज श्रीनगर, ऋषिकेश, देहरादून या मसूरी की ओर से उसके राज्य में प्रवेश करता तो आस पास के गाँव चौकन्ने हो जाते । उस अंग्रेज परिवार का बोझा ढ़ोने के लिये वहां के परिवारों को उपस्थित होना पड़ता ।
ऐसा न करने पर इसे राज्य के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाता ।
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