अगस्ता वेस्टालैण्ड हेलीकाप्टर डील -माजरा क्या है?
अगस्ता वेस्टालैण्ड की मदर कम्पनी है -फिनमेकेनिका. यह कम्पनी रक्षा उत्पाद करती है. सन् 2010 में पता चला कि इस कम्पनी से VVIP के लिए जो 12 हेलीकाप्टर खरीदे जाने थे, उसमें बड़े पैमाने पर रिश्वत ली गई है. 3600 करोड़ के इस डील में दस प्रतिशत की राशि कम्पनी द्वारा बतौर रिश्वत दी गई है. UPA की सरकार ने तत्काल प्रभाव से यह डील रद्द कर दी. फिनमेकेनिका कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया. कम्पनी को दी गई अग्रिम धनराशि वापस ले ली.
इतालवी कोर्ट(जो इस भ्रष्टाचार की जांच कर रही थी)के सामने ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं ,जिनमें एक नाम प्रमुखता से सामने आया है - सियनोरा गांधी. NDTV को आदेश का विवरण मिला है, उनमें कुछ दस्तावेजों में सोनिया गांधी और भूतपूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह का नाम है ,जो किसी तरह की अनियमितता या इस डील में उनकी भूमिका को नहीं दर्शाता है. इतालवी कोर्ट ने फिनमेकेनिका कम्पनी के चीफ अोर्सी को दोषी माना है और उसे जेल भेज दिया है.
इतालवी कोर्ट के आदेश आते हीं BJP सक्रिय हो गई है. इसके अध्यक्ष अमित शाह ने खम ठोक के कहा है, " सोनिया, बताएं किसने कितना घूस लिया? " सरकार BJP की और बताएं सोनिया? यह तो हास्यास्यपद बात हो गई. शासन में BJP को रहते हुए दो साल हो गये, पर अभी भी वे विपक्ष वाला वर्ताव कर रहे हैं. इतालवी कोर्ट के निर्णय के बाद BJP की कुम्भकर्णी नींद टूटी है. सभी जांच एजेन्सियां, CBI आपकी, सरकार आपकी और आप सोनिया गांधी से पूछ रहे हो. यदि सोनिया अपराधी हैं तो क्या वे घूस खाने वालों के नाम बताएंगीं ? यदि उन्हीं के बताए पर चलना है तो आपके पास इतनी जांच एजेंसियां किस लिए रखीं हैं.? आप क्यों नहीं सोनिया को गिरफ्तार करते? अरविन्द केजरीवाल ने भी यही बात कही है. आप सोनिया के खिलाफ विषवमन करते रहेंगे, पर उनके खिलाफ एक्सन नहीं लेंगें. असल बात है कि आप को चुनाव नजर आ रहा है. और यह एक चुनावी स्टंट के अतिरिक्त कुछ नहीं है.
एक बात और जो समझ से परे है कि जब UPA सरकार ने फिनमेकेनिका के खिलाफ बैन लगा दिया था तो किस आधार पर यह बैन BJP सरकार द्वारा हटाया गया? UPA ने तत्कालीन एयर प्रमुख एस पी त्यागी व तेरह अन्य के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर जांच विठाई थी और आपने उस जांच को सुस्त कर विल्कुल वेअसर कर दिया. अब से भी कुछ नहीं विगड़ा. आप CBI को जांच में तेजी लाने के लिए बोलिए. यदि उस जांच में सोनिया गांधी का नाम आ जाता है तो अमित शाह, जो कि खुद जेल काटकर आए हुए हैं, ताल ठोंक सकते हैं.
आजकल संसद में इस बावत घमासान मचा हुआ है. सिर्फ हंगामा खडा़ करने से सूरत नहीं बदलती. कुछ सकरात्मक करना पड़ता है.बकौल दुष्यन्त कुमार -
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए.
मेरे सीने में नहीं, तेरे सीने में ही सही ;
हो कहीं भी आग, आग जलनी चाहिए.

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