शायद जमाने ने उसे बहुत सताया है.
केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि नई शिक्षा नीति तैयार है, जो 2015 के अंत तक लागू कर दी जाएगी. अब यह 2016 का छठा महीना चल रहा है. बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने स्मृति ईरानी को ट्वीट कर कहा,
"डियर स्मृति ईरानी जी, कब आएगी आप की शिक्षा नीति? आपके कलेंडर में कब वर्ष 2015 खत्म होगा? "
स्मृति ईरानी को डियर शब्द पर एतराज हो गया. तुरंत उन्होंने ट्वीट किया -
"महिलाओं को डियर कह के कब से सम्बोधित करने लगे अशोक जी. "
इस पर बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी का कहना था कि उन्होंने अपमान नहीं सम्मान के तौर पर इस शब्द का इस्तेमाल किया था. हर प्रोफेशनल बातचीत की शुरूआत डियर शब्द से हीं होती है. आशोक चौधरी ने आगे कहा कि स्मृति जी ! गोल गोल मुद्दे को घुमाने से बेहतर कि कभी सही जवाब भी दे दिया करिए.
वैसे मोदीजी ने भी दीपिका पादुकोन को कभी डियर कह के सम्बोधित किया था ट्वीटर पर. डियर एक आम बोलचाल की भाषा है. पता नहीं स्मृति जी को इस बात पर आपत्ति क्यों है? अपने 32 साल के सेवा काल में मैंने हजारों चिट्ठियां डियर सर और डियर मैडम के सम्बोधन से लिखी हैं . कभी कहीं से किसी ने आपत्ति दर्ज नहीं की. स्मृति ईरानी शिक्षा मंत्री से पहले टीवी कलाकर रह चुकी हैं. कई प्रोग्राम वे होस्ट कर चुकी हैं. फर्राटेदार अंग्रेजी वे बोलती हैं .क्या उन्हें डियर शब्द का मतलब मालूम नहीं है? या अशोक चौधरी द्वारा उठाए गये मुद्दे पर उनकी बोलती बन्द हो गई ?
लखनऊ में महिलाओं ने सही कहा कि स्मृति जी को जब डियर शब्द पर इतनी आपत्ति है तो मरुथल की महिलाओं के रेप पर तो उनका खून खौल जाना चाहिए. उनकी सरकार ने अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? क्या स्मृति जी अपने प्रति हीं संवेदनशील हैं? बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि अगर स्मृति जी को मेरा डियर कहना इतना बुरा लगा है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं. क्या मोदीजी दीपिका पादुकोन को डियर कहने पर माफी मांगेगे?
स्मृति ईरानी को यह साधारण सी बात क्यों नहीं समझ आती कि डियर बोलने या लिखने में कोई गल्ती नहीं है. हर बात में राजनीति करना कहां तक जायज है? या डियर शब्द को लेकर उनके चेतन या अवचेतन मन में कोई काम्पलेक्स है?
उसे किसी की मोहब्बत पर ऐतबार नहीं,
शायद जमाने ने उसे बहुत सताया है.
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