यादों के झरोखे से -झूमरी तलैया.
झारखण्ड जिले का एक छोटा सा कस्बा. नाम है झूमरी तलैया. यह वर्तमान कोडरमा जिला मुख्यालय से लगभग 5-6 किलो मीटर दूर है. यहाँ की आबादी लगभग पौन लाख है. भाषा मगही है. इसके पास हीं दामोदर नदी बहती है.इस नदी पर बांध बना हुआ है,जिसे तलैया बांध कहते हैं. यहाँ अच्छी खासी हरियाली है, इसलिए झूमरी तलैया को एक पिकनिक स्पाट के तौर पर भी जाना जाता है. यह अभ्रक के खादानों के लिए भी मशहूर है.
उपरोक्त बातों के लिए यदि झूमरी तलैया जाना जाता है तो इसमें कोई विशेष या कुछ खास नहीं है. झूमरी तलैया जाना जाता है तो अपने उन रेडियो श्रोताओं की वजह से जिनमें होड़ लगी रहती थी कि किसका नाम विविध भारती के फरमाइसी कार्यक्रमों में ज्यादा आता है ? झूमरी तलैया का नाम सर्वप्रथम विविध भारती से सन् 1957 से जुड़ा. मैं भी सन् 1965 से जब छठी क्लास में पढ़ता था तब से विविध भारती से झूमरी तलैया का नाम और उसके दर्शकों को सुन रहा हूं. झूमरी तलैया से सर्वाधिक नाम रामेश्वर वर्णवाल और नन्दलाल सिन्हा का आता था .पता नहीं ये दोनों महाशय अब इस दुनियां में हैं या नहीं ? पर उन जैसे सैकड़ों लोगों ने झूमरी तलैया का नाम अमर कर दिया और एक कस्बाई शहर को भारत के पटल पर सुशोभित कर दिया.
वालीवुड की फिल्मों में यदा कदा झूमरी तलैया का नाम आता रहता है. यथा -"अरे ! मेरी झूमरी तलैया ! " जैसे डायलाग. लोगों को विश्वास हीं नहीं था कि इस नाम की कोई जगह भी हो सकती है. आज भी जब यहां से लड़के साक्षात्कार के लिए अन्यत्र जाते हैं तो लोग चकित हो जाते हैं.
झूमरी तलैया, ले लूं तुम्हरी बलैया.
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