मई दिसम्बर की शादी.
दाम्पत्य जीवन में उम्र का अंतर साइंस के हिसाब से अधिक से अधिक 5 साल होना चाहिए,जिसमें पति पत्नी से बड़ा हो. चाहे वह एक साल हीं क्यों न हो . कारण ,औरतें उम्र के साथ जल्द हीं ढल जाती हैं. जब कि पुरुष पर बुढ़ापे का असर शनैः शनैः तारी होता है. इसलिए पुरुष का बड़ा होना आवश्यक माना जाता है. बड़े होने के कारण पुरुष में धैर्य भी अधिक होता है, जिससे छोटी मोटी समस्याएं स्वतः हीं दूर हो जाती हैं . उम्र का यह अंतर पुरुष के अहम को संतुष्ट करता है. पत्नी भी बड़े होने के कारण पति को अपने से अधिक अनुभवी मानती है. उसके निर्णय में खास रद्दोबदल नहीं करती . जीवन की गाड़ी आपसी सामंजस्य से आगे बढ़ती जाती है. अभी हाल हीं में दिवंगत हुए साहित्यकार श्री रवीन्द्र कालिया की कहानी " नौ साल छोटी पत्नी " मैंने पढ़ी थी. उसमें पति अपने धैर्य से पत्नी के मन की गुत्थियों को किस वेपरवाह अन्दाज में सुलझाता है, वह काबिल -ए - तारीफ है.
जब पति पत्नी एक हीं उम्र के हों तो सामंजस्य बिठाने में दिक्कत आती है. लड़कियां शादी से पहले हीं मेच्योर हुआ करती हैं. उन्हें घर गृहस्थी का अनुभव अपनी मां से विरासत में मिला होता है, जब कि लड़के शादी के बाद परिपक्व होते हैं. कुछ तो शादी के बाद भी, "बाबा मौज करेगा " का विंदास अन्दाज में जीते रहते हैं. इसलिए हमउम्र पति पत्नी में सामंजस्य और ताल मेल का अभाव रहता है.
कुछ पति अपनी पत्नियों से उम्र में काफी बड़े हैं, पर उनका प्यार अब भी पहले जैसा है. इसका ज्वलंत उदाहरण दिलीप -सायरा, संजय दत्त - मान्यता, नायपाल - नादिरा हैं. अब भी आमिर खान - किरण राव, राजपाल यादव - राधा के जीवन की गाड़ी उम्र के खासे अंतर के बावजूद सरपट दौड़ रही है. अभी शाहिद कपूर की मीरा राजपूत से शादी हुई है . शाहिद मीरा से 13 साल बड़े हैं . दिग्विजय सिंह तो अमृता से तकरीबन 30 साल बड़े हैं. हमें दिग्गी राजा के चिरयौवन हेतु भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए.
कुछ मामले बिल्कुल उलट हैं. सुनील दत्त से नर्गिस काफी बड़ी थीं. आदित्य पंचोली जरीना बहाव से काफी छोटे हैं. सचिन से उनकी पत्नी 5 साल बड़ी है. आजकल छोटी उम्र के पुरुषों की बड़ी उम्र की औरतों से आसानी से सम्बन्ध बन जा रहे हैं. बड़ी उम्र की महिला और छोटी उम्र के पुरुष का तालमेल गजब का होता है. औरत पुरुष को मातृवत् प्यार देती है. उनके बीच का जिस्मानी रिश्ता गौड़ रह जाता है. प्लेटिनम लव हावी हो जाता है. शशि कपूर और जेनिफर का भी प्यार भी ऐसा हीं था. जेनिफर के मरने के बाद शशि कपूर अवसाद में डूब गये थे, जिससे वे आज भी उबर नहीं पाए हैं.
हांलाकि यह सर्व मान्य तथ्य है कि प्यार के लिए कोई सीमा नहीं होती .अगर लोग आपसी समझ से एक दूजे का साथ निभा रहें हैं तो उनके बीच के उम्र का अंतर मायने नहीं रखता. हां, यह मायने जरूर रखता है कि वे एक दुसरे को कितनी शिद्दत से चाहते हैं.
न उमर की सीमा हो , न जन्म का बंधन,
जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन.
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