जल , जमीन और जंगल पर सबका हक है ।
उत्तरकाशी बड़कोट के तिलाड़ी के मैदान में महापंचायत हो रही थी । यह महापंचायत वन अधिकार पर हो रही थी । ज्ञातव्य हो कि 1927 में टिहरी नरेश ने आम जनता का वन अधिकार वापस ले लिया था । गौचुगान , लकड़ी , पत्ते और घास आदि सब प्रजा के लिए प्रतिबंधित कर दिए गये थे । इन सब चीजों के लिए जनता को टैक्स देना पड़ता था ।
महापंचायत 30 मई 1930 को हो रही थी । उस दिन महाराज नरेंद्र शाह यूरोप में थे । महापंचायत में वन अधिकार की समीक्षा हो रही थी । चक्रधर जुयाल टिहरी रियासत के वजीर थे ।उनके आदेश पर सेना ने महापंचायत को तीन तरफ से घेर लिया । चौथी तरफ यमुना बह रही थी । बिना किसी कारण के चक्रधर जुयाल ने उन निहत्थों पर सेना को फायर का आदेश दे दिया ।
जनता में भगदड़ मच गयी । जिसको जिधर जगह मिली वह उधर हीं भाग लिया । कुछ लोग उफनती हुई यमुना में जान बचाने के लिए कूद पड़े । यमुना ने भी उनको नहीं बख्सा । वह उन्हें अपनी धारा के साथ बहा ले गयी । गोली लगने से सैकड़ों की तादाद में लोग मरे । सैकड़ों की तादाद में लोग गिरफ्तार किए गये । मरने वालों को पत्थर से बांधकर यमुना में फेंक दिया गया था ।
जब नरेंद्र शाह यूरोप से लौटे तो उन्होंने चक्रधर जुयाल को इस कृत्य के लिए शाबासी दी थी । कैद में रखे गये लोगों में से कुछ घायल थे । वे अतिशय पीड़ा और दवाओं के अभाव में मर गये । 88 लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा चला । उन सबको एक साल से लेकर बीस साल तक की सजा हुई थी ।
कर्नल सुंदर सिंह टिहरी गढ़वाल के प्रधान सेनापति थे । उन्होंने जब अपनी जनता पर फायर करने से मना कर दिया था तब चक्रधर जुयाल ने नत्थूसिंह साजवाण को प्रधान सेनापति नियुक्त किया था । तिलाड़ी गोलीकाण्ड जलियांवाला बाग से भी निर्मम और क्रूर कृत्य था ।
जलियांवाला बाग का गोलीकाण्ड एक विदेशी जनरल डायर के आदेश पर किया गया था , जबकि तिलाड़ी गोलीकाण्ड एक देसी वजीर द्वारा अपने लोगों के हीं खिलाफ किया गया था ।अपनों के द्वारा दी हुई पीड़ा बड़ी मर्मांतक होती है । 30 मई 1930 का दिन गढ़वाल के इतिहास में काला दिन माना जाता रहेगा।
1949 से 30 मई को शहीदी दिवस के रुप में मनाया जाता है ।2006 में "तिलाड़ी स्मारक सम्मान समिति " का गठन हुआ है , जिसमें किसी व्यक्ति विशेष को किसी क्षेत्र में किए गये विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है ।
सुन्दर जानकारी सर हमारे देश में ही जनरल डायर हुए आज पता चला
जवाब देंहटाएंसुन्दर जानकारी सर हमारे देश में ही जनरल डायर हुए आज पता चला
जवाब देंहटाएंआभार
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