मेरी वीना तुम बिन रोए.
वीणा हमारा राष्ट्रीय वाद्य यंत्र है, जो आज भी दक्षिण भारत में अत्यंत लोकप्रिय है. हमारे पौराणिक कथाओं में इसका जिक्र बहुत हुआ है. महर्षि नारद हमेशा इसे अपने साथ रखते थे. विद्या की देवी सरस्वती की पहचान इसी वीणा से होती है और उनको वैदिक ग्रंथों में "वीणावरदंडमंडितकरा "कहा गया है. विद्यालयों के प्रार्थना सभाओं में सरस्वती वंदना में वीणा का उल्लेख जरूर होता है -
मां शारदे ! कहां तू , वीणा बजा रही है.
किस मंजू गान से तू जग को लुभा रही है.
याज्ञवल्क्य स्मृति में वीणा को मोक्ष प्रदान करने वाला कहा गया है-
वीणा वादन तत्वज्ञः श्रुति जाति विशारदः ।
तालज्ञश्चाप्रयासेन मोक्ष मार्गम् च गच्छति॥
(अर्थात् जो वीणा वादन के तत्व को जान लेता है और जो लय और ताल में विशारद हो चुका है, वह विना प्रयास के हीं मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर लेता है.)
वीणा के कई रूप हैं. भगवान् शिव ने पार्वती के रुप से प्रभावित हो उनको पारितोषिक के रुप में एक वीणा प्रदान की थी, जिसे भगवान शिव के नाम पर रुद्र वीणा कहा गया .एक वीणा होती है "विचित्र वीणा ",जिसके बजाने वाले पूरे भारत में अब मात्र चार लोग शेष रह गये हैं. देहरादून के रहने वाले सरदार अजीत सिंह उन चार लोगों में से एक हैं. सरदार अजीत सिंह को फिल्म संगीतकार ओ पी नैय्यर इस वीणा वादन हेतु मुम्बई बुलाया था, पर अपनी घरेलु परेशानियों के सबब वे जा न सके थे . उन्होंने रास्किन बांड की कहानी "विग विजनेस " पर आधारित आस्ट्रेलियन फिल्म में विचित्र वीणा बजाई थी. 80 के दशक में सरदार अजीत सिंह को बी बी सी की तरफ से लंदन और वर्मिघम में बिचित्र वीणा वादन के लिए बुलाया गया था.
सम्राट समुद्र गुप्त वीणा बजाने में सिद्धहस्त था. गुप्तकालीन मुद्राओं में उसे वीणा बजाते हुए दिखाया गया है. उसकी वीणा में सात तार होते थे, जिसे साततार कहते कहते सितार कहा जाने लगा. वीणा का हीं परिमार्जित रुप सितार है. कुछ लोगों का कहना है कि अमीर खुसरों ने एक तन्त्री वीणा में सुधार कर इसमें तीन तंत्र (तार) लगाए. इस वीणा को सह (तीन) तार कहा गया. यही सहतार बाद में चलकर सितार हो गया. तानपुरा भी वीणा का हीं एक रुप है. वीणा का कम्पन्न एक गोलाकार घड़े में पहुंचकर तीब्रतर व मधुर हो जाता है.
वीणा नाम लड़कियों में बहुत मशहूर है. वीणा गुप्ता, वीणा मिश्रा ,वीणा गोयल .....आदि आदि. यहां पाकिस्तानी अभिनेत्री वीना मलिक का जिक्र करना प्रासांगिक होगा. वीना मलिक ने विग बास में अपना जलवा तो बिखेरा हीं, साथ हीं कुछ दिनों के लिए गायब होकर मीडिया में भी बहुत सुर्खियां बटोरी थीं.
बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज का युवा वर्ग वीणा, सितार की जगह वायलिन को अपना रहा है. वीणा अपने गुण ग्राहकों का आज भी इन्तजार कर रही है . राजेन्द्र कृष्ण के लिखे फिल्मी गीत की कुछ पक्तियां क्षीण सी याद आ रहीं हैं -
मेरी वीणा तुम बिन रोए.
तुम बिन मेरे गीत अधूरे,
होठों पे शरमाए.
मेरी वीणा तुम बिन ....
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