जहर से अब आराम हुआ है.
पोटेशियम सायनाइड (KCN) एक यौगिक होता है, जो रंगहीन, दिखने में चीनी जैसा व पानी में घुलनशील होता है. KCN को सोने की खदानों, आर्गेनिक सिनथेशिस और इलेक्ट्रोप्लेटिंग में इस्तेमाल किया जाता है. छोटे पैमाने पर यह आभूषणों के केमिकल gilding (सोने का पानी चढ़ाना) और buffing (पालिश करना) के काम आता है.यह एक तीक्ष्ण जहर है. एक बार चाय पीते और साथ में काम करते समय यह जहर बहुत हीं अल्पतम मात्रा में एक कर्मचारी के पेट में चला गया . डाक्टरों की टीम ने कई घंटों के अथक प्रयास के बाद उसे बचा लिया. यह पहला मौका था कि पोटेशियम सायनाइड के जहर से प्रभावित व्यक्ति को बचाया जा सका. इसका एक कण जुबां पर रखते हीं अादमी की मौत हो जाती है. इसका मतलब कि एक कण का सौवां हिस्सा वह जहर होगा, जिसके कारण उसकी जान बची.
आज तक कोई भी पोटेशियम सायनाइड का स्वाद बता नहीं पाया है. कई वैज्ञानिक इस प्रयास में अपनी जान गंवा बैठे हैं. जहर खाते समय हीं वे लिखना शुरू कर देते , पर कोई भी S से आगे नहीं लिख पाया. S से Sweet भी हो सकता है और Sour भी. वैज्ञानिकों के अकारण मौत को देखते हुए इस प्रयोग को बन्द करना पड़ा. बाद में एक भारतीय ने अपने सुसाइड नोट में जो लिखा,वह अक्षरशः दिया जा रहा है "Doctors, Potassium cyanide, I have tested it. It burns the tongue and tastes acrid ." चूंकि इतना लम्बा लिखना KCN खाने वाले के लिए सम्भव नहीं था, इसलिए इसकी विश्वसनीयता प्रामाणिक नहीं मानी गई.
एक बार और पोटेशियम सायनाइड के स्वाद का पता चलने की बारी आई थी. बात 16 फरवरी सन् 1932 की है. महान् वैज्ञानिक सर सी वी रमण के तत्वाधान में एक विलक्षण प्रयोग हुआ, जिसकी देख रेख देशी विदेशी वैज्ञानिकों की एक टीम कर रही थी. सबसे पहले योगी नरसिंह स्वामी शहद के मानिंद तेजाब चाट गये. फिर संखिया, कुचिला आदि जहरीले पद्दार्थों का उन्होंने सेवन किया. उसके बाद बारी आई पोटेशियम सायनाइड का. जय मां काली के उद्घोषणा के साथ वे पोटेशियम सायनाइड भी खा गये. कुछ देर बाद पूरा हाल तालियों की गड़गड़हट से गूंज उठा. योगी नरसिंह स्वामी भी पोटेशियम सायनाइड का स्वाद नहीं बता पाए. कारण, एसिड, संखिया और कुचिला का स्वाद चढ़ी उनकी जिह्वा पोटेशियम सायनाइड का स्वाद बताने में असमर्थ रही.
पोटेशियम सायनाइड लोगों की जान हीं नहीं लेती, बल्कि उनके दिलों को जोड़ती भी है. एक बार लैब में साथ साथ काम करने वाले एक लड़की और एक लड़के को पोटेशियम सायनाइड की जरूरत महसूस हुई. दोनों प्यार में धोखा खाए हुए थे. दोनों चुपके चुपके लैब में पोटेशियम सायनाइड खोजते. साथ में किस कदर उन्हें प्यार में धोखा मिला, उसकी चर्चा भी एक दुसरे से करते. पोटेशियम सायनाइड तो मिला नहीं, पर उनका प्यार जरूर परवान चढ़ गया.
वैज्ञानिकों ने पोटेशियम सायनाइड को प्रभाव हीन करने के लिए एक नया मिश्रण 3- मरसोटोपाइरुवेट बना दिया है, जिसका चूहों पर सफल परीक्षण किया जा चुका है. यह औद्योगिक हादसों और आतंकवादी हमलों में उपयोगी सिद्ध होगा.
वैसे पोटेशियम सायनाइड इच्छा मृत्यु के लिए रामबाण औषधि है . लाइलाज बीमारी वाले रोगियों को सरकार की सहमति से शान्ति प्रिय और पीड़ा रहित मृत्यु देने का इससे बेहतर और कोई विकल्प नहीं हो सकता.
जितनी दवा पी उतना हीं तड़पे,
जहर से अब आराम हुआ है.
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