अभी जो धुंध लिपटी दिखाई देती है ...
देश की आजादी के बाद तमाम रियासतों ने भारत में अपना विलय कर लिया, पर हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली ने अपना अलग वजूद बनाए रखा. पटेल ने हैदराबाद में भारतीय सेना भेजकर निजाम को भारत में विलय के लिए मजबूर कर दिया. 18 सितम्बर सन् 1948 को भारत का कब्जा हैदराबाद पर हो गया.
जब व्रिटेन स्थित हैदराबाद के वित्त मंत्री मोइन नवाज जंग को विलय का पता चला तो उसने पाकिस्तान के हाई कमिश्नर इब्राहिम रहमुल्लाह के खाते में 1,007,940 पौण्ड की रकम व्रिटेन स्थित बैंक नेट वेस्ट में जमा कर दी. जब निजाम को इस बावत पता चला तो उसने वह रकम वापस मांगी.पाकिस्तान ने वह मांग ठुकरा दी. व्रिटेन के हाई कोर्ट में यह मामला पिछले 68 सालों से लम्बित है. अभी हाई कोर्ट ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि इस रकम में पाकिस्तान का भी हिस्सा बनता है. भारत ने इस पर अपील की है. 350 करोड़ की यह रकम किसे मिलेगी, यह हाल फिलहाल भविष्य के गर्त में है. वर्तमान में यह खाता फ्रीज है.
अभी जो धुंध लिपटी दिखाई देती है,
कभी तो धूप नहाएगी बस्तियां अपनी.
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