कई बीमारियों का प्लेटफार्म है रक्तचाप.
रक्तचाप अपने आप में कोई बीमारी नहीं ,पर यह कई बीमारियों को न्योता देता है. 12 april सन् 1945 को अमरीकी राष्ट्र पति फ्रेंक रूजवेल्ट का रक्तचाप 300/190 जब पहुंच गया तो उस समय के चिकित्सकों ने इसे बड़ा हीं अच्छा माना था कि अब दिमाग का रक्त संचार अच्छी तरह से मेनटेन होगा. रक्त संचार क्या और कैसे मेनटेन हुआ? यह तो पता नहीं, पर राष्ट्रपति जरूर भगवान के प्यारे ही गए . आजकल यदि रक्त चाप 140/90 से अधिक हो तो उसे खतरे की घंटी माना जाता है.
आज भारत में तकरीबन 20 करोड़ लोग रक्त चाप की चपेट में हैं. इनमें से आधे लोगों को तो पता हीं नहीं होता कि उन्हें यह बीमारी है. जो लोग दवा खा रहे हैं, उनमें से मात्र आधे लोगों का हीं रक्त चाप नियंत्रित है. कुछ लोगों में रक्त चाप के लक्षण नहीं होते. इसलिए वे रक्त चाप की जांच नहीं कराते. नतीजा उनमें यह बीमारी तेजी से पनपती है और जब तक इलाज शुरू हो तब तक काफी देर हो चुकी होती है. कहने का तात्पर्य यह कि यह बीमारी छुपा रुस्तम (silent killer) टाइप की बीमारी है. आपको अचानक लकवा मार सकता है. दिल का दौरा पड़ सकता है.
धमनियां दिल को शुद्ध रक्त मुहैया कराती हैं. इनमें रक्त द्वारा डाले गए दबाव को रक्त चाप कहते हैं. जब धमनियां संकुचित हो दिल को रक्त पम्प करती हैं तो उस समय रक्तचाप अधिक होता है , जिसे सिस्लोटिक कहते हैं. यह दबाव 90-120 mmtr तक होता है. संकुचन के बाद दिल की मांस पेशियां जब शिथिल पड़ती हैं तो उस समय रक्त चाप कम रहता है, जिसे डायलोस्टिक कहा जाता है. यह 60-80 mmtr तक होती है. वर्तमान दिशा निर्देशों के अनुसार 120/80 का रक्तचाप मानक माना जाता है. इससे बहुत कम या बहुत ज्यादा निम्न या उच्च रक्त चाप की श्रेणी में आता है. यदि आपको चक्कर आए, सिर दर्द हो, सांस में तकलीफ हो, नींद न आए, नाक से खून गिरे तो समझ जाइए कि आपको रक्तचाप है और आपको डाक्टर के पास चेक अप के लिए जाना है. रक्त चाप के कई कारण होते हैं -
a) चिंता, क्रोध, ईर्ष्या, भय आदि मानसिक विकार.
b) बार बार खाना या एक बार में हीं आवश्यक्ता से अधिक खाना.
c) मैदा से बने खाद्य पदार्थ, चीनी, मसाले, तेल ,घी ,अचार, मिठाईयां, मांस , चाय ,सिगरेट शराब आदि का बहुतायत में सेवन करना.
d ) भोजन में फाइबर का अभाव होना.
e) श्रमहीन जीवन, व्ययाम न करना.
f) पेट या किडनी सम्बन्धी पुरानी बीमारी .
कुछ उपाय व सुझाव हैं, जिन्हें अपना कर रक्तचाप को आप नियंत्रित कर सकते हैं -
a) सुबह की सैर,
b) बिना चीनी और नमक का नीबू पानी सेवन .
d) रोज सुबह आधा किलो पका पपीता खाना.
e) खसखस और तरबूज के मगज के चूर्ण को सुबह शाम एक एक चम्मच लें.
f ) सब्जी में नमक कम खाएं.
g) पालक व गाजर का रस मिलाकर पिएं .
h) अर्जुनासव दिल व रक्तचाप के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसका एक एक चमम्च सुबह शाम लिया करें.
I ) मोटापा कम करें.
j ) योग, ध्यान और संगीत का श्रवण करें.
रक्तचाप का सिर्फ और सिर्फ एक फायदा यह होता है कि आप पत्नी की नजरों में अचानक VIP बन जाते हैं . वह आपका हद से ज्यादा कदर करने लगती है. आप फर्श से अर्श पर पहुंच जाते हैं. पत्नी यह ख्याल करने लगती है कि आपको गुस्सा न आए. अत: आप खुलकर अपना गुस्सा निकाल सकते हैं और अपना पिछला हिसाब चुकता कर सकते हैं. पत्नी शान्त बनी रहेगी. अब आप संयमित जीवन जी कर VIP treatment का मजा ले सकते हैं. बुरा क्या है?
अब जिस्म न जलेगा,
दामन -ए -दिल की परवा भी होगी.
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