सदा रहे उसका नाम प्यारा ,सुना है कल मर गया वो.
पाकिस्तान के मशहूर साहित्यकार इंतजार हुसैन का कल दिनांक 3 फरवरी सन् 2016 को निधन हो गया. वे गंगा जमुनी साझा संस्कृति के कथाकार थे. उनकी कृतियां अंग्रेजी व फ्रांसिसी सहित विश्व के अनेक भाषाओं में अनुदित हो चुकी हैं. वे हिन्दू मुस्लिम एकता के हिमायती थे . उनकी गिनती उर्दू के प्रसिद्ध कथाकारों में की जाती है.
इंतजार हुसैन का जन्म सन् 1923 में मेरठ में हुआ था.चार बहनों के इंतजार के बाद उनका जन्म हुआ तो घर वालों ने उनका नाम हीं इन्तजार हुसैन रख दिया. पड़ोस में हिन्दू और मुसलमान दोनों धर्म के लोग थे. जब प्राइमरी कक्षा में उन्हें प्रवेश मिला तो दो को छोड़ सारे सहपाठी हिन्दू थे. और जो शिक्षक थे वे एक को छोड़ सभी हिन्दू थे. इसलिए उनकी परवरिश में हिन्दू परिवेश का ज्यादा योगदान था. प्राचीन भारतीय कहानी "वैताल पचीसी " उन्होनें पूरी पढ़ ली. "कथा सागर के सारे खन्ड पढ़ डाले. जातक कथाएं , महाभारत और आलिफ लैला की कहानियों से वे काफी प्रभावित हुए.
विभाजन के समय वे पाकिस्तान चले गए थे. इंतजार हुसैन ने लाहौर के पंजाब विश्वविद्यालय से उर्दू भाषा में एम ए किया. पत्रकारिता से जुड़े. उनका पहला कहानी संकलन." गली कूचे " सन् 1953 में आया था. उसके बाद तो कहानियों के और सात संग्रह, चार उपन्यास और दो भागों में विभक्त संस्मरण भी प्रकाशित हुए. उन्होंने कुछ अनुवाद भी अंग्रेजी में किए. वर्ष 2013 में उन्हें बुकर पुरूष्कार के लिए नामित किया गया था. सूफी सन्तों के सान्निध्य में रहने के कारण उनमें कट्टरता रंच मात्र भी नहीं थी. उनके साहित्य के तीन आधार थे -1) प्राचीन भारतीय कथाएँ 2) अरबी और फारसी कहानियाँ 3) पश्चिमी साहित्य.
पाकिस्तान के लोगों का कहना है कि इंतजार हुसैन ने कभी भी पाकिस्तान को अपना देश नहीं माना और वे अक्सर भारत भ्रमण पर जाया करते थे. जब की इंतजार हुसैन का कहना था कि वे हमेशा Nostalgia (अतीत की ललक ) के शिकार रहे. अपनी जड़ों की तलाश करते रहे. इसलिए वे बार बार भारत आते रहे. उनका घर पाकिस्तान में था ,पर आत्मा भारत में थी. उनका कहना था कि जिस मिट्टी में आप लोटे पोटे, उस मिट्टी से जुड़ी कहानी भी आपको धीमी आंच पर पके भोजन के स्वाद जैसी लगेगी. यहां पर मैं 2015 में आई फिल्म खामोशियां का गीत उद्धृत करना चाहूंगा -
क्या उस गली में कभी तेरा जाना हुआ,
जहां से जमाने को गुजरे जमाना हुआ.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें